Uttar Pradesh: चंदौली में सुबह 8 बजे तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर 71.56 मीटर रिकार्ड किया गया।केंद्रीय जल आयोग के अनुसार अभी भी गंगा के जलस्तर में 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है।2 दर्जन से अधिक गांवों में गंगा का पानी घाट पर जाने वाले मार्ग से होते हुए घुस गया है।
गंगा के जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती है तो शाम तक गई गांव टापू बनने की स्थिति में पहुंच जाएंगे।उन गांवों में जाने वाला संपर्क मार्ग पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब जायेगा।गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्रों के किसान व ग्रामीण बाढ़ की आशंका को देखते हुए रहने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन को मजबूर हो गए हैं।
यहां के खासकर नियामताबाद, चहनियां, सकलडीहा व धानापुर विकास खंड के दर्जनों गांवों में बाढ़ के पानी के आगोश में खेतों लगी सैकडों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं। जिससे अब बाढ़ प्रभावित पीड़ितों के समक्ष खाने से लेकर पशुओं के लिए चारे की भी विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। इसके अलावा कटान के चलते किसानों की कई एकड़ उपजाऊ भूमि भी गंगा में विलीन हो रही है।
गंगा नदी में बाढ़ को देखते हुए जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग द्वारा अधीनस्थों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए निर्देशित किया गया है। बाढ़ पीड़ितों को कोई परेशानी न हो इसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा 17 बाढ़ राहत चौकियों (शरणालयों) की स्थापना की गई है।इसके साथ ही बाढ़ के बाद संक्रामक रोगों की बढ़ोतरी को देखते हुए भी स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित किया गया है। जनहानी न हो इसके लिए ग्राम निगरानी समितियों को सक्रिय कर दिया गया है।
जिलाधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में सकलडीहा व पं दीन दयाल उपाध्याय नगर तहसील के उपजिलाधिकारी और तहसीलदार को भी बाढ़ की लगातार मानीटरिंग करते रहने के लिए कहा गया है और जो लोग बाढ़ से प्रभावित होने वाले हैं, उन्हें पहले ही राहत शिविरों में व्यवस्थित करने का निर्देश दिया गया।इसके साथ ही जिलाधिकारी ने राहत शिविरों में पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है।